शनिवार, 21 अगस्त 2010

मेरे विचार और मेरा भारत

भारत, हमारे सपनो का एक प्यारा-सा देश। हम और आप कैसे भारत की कल्पना करते हैँ? एक विकसित, शक्तिशाली और खुशहाल भारत। लेकिन क्या हमारे सपनो का भारत वास्तविक रूप मेँ हमारे आँखो के सामने है, या यह एक अतिश्योक्ति मात्र हैँ।

हम सभी जानते हैँ कि भारत विकास की ओर कदम बढा रहा है। परन्तु विकास की गति का स्तर क्या है? शायद इसका उत्तर हमे नकारात्मक ही मिलेगा। मेरे विचार मेँ विकास की यह गति आधुनिक वायुयान के युग मेँ एक बैलगाड़ी के समान हैँ। क्या यह सब काफी हैँ?

यह कहना गलत होगा कि यहा विकास नही हो रहा है, विकास हो रहा है परन्तु पर्याप्त मात्रा मे नही और न ही पर्याप्त गति मेँ। यदि अवसरो की बात कि जाए तो विकास के पर्याप्त अवसर हमारे पास आये और आ रहे हैँ। लेकिन कुछ सरकार के तथा कुछ हमारे कदम उस दिशा मेँ चले जिस दिशा से आये थे। कहने का तात्पर्य यह है कि हमाने विकास के अवसरो को वहा विनियोजित नही किया जहाँ पर आवश्यक्ता है। परम्परागत तरीको पर विश्वास करना ही हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है। इसका कारण? हम कुछ नया सोचना ही नही चाहतेँ। -
My thinking abt my india.